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Jupiter Mound (गुरु पर्वत)

यदि जातक की जन्मकुंडली या हाथ में गुरु पर्वत उँचा हो, तो ऐसे जातक गुरु से प्रभावित होते हैं। वे विद्वान, सभ्य, धीर, वीर, गंभीर वक्ता, सुंदर विचार वाले, मदद करने वाले, समाजसेवी होते हैं। यदि इस पर्वत पर क्रॉस का निशान हो, तो जातक के जीवन में हंस नामक पंचमहापुरुष योग होता है और यदि एक रेखा चंद्र पर्वत से गुरु पर्वत पर स्थित हो तथा रेखा साफ सुथरी, सीधी व गुलाबीपन लिए हुए हो, तो जातक गजकेसरी योग से प्रभावित होता है। यह योग किसी भी हथेली में शुभ माना जाता है। ऐसे जातक महान लेखक, राजनेता, कवि, समाजसुधारक, प्राचार्य, संस्था के प्रधान आदि होते हैं। वैसे जीवन में गुरु की कृपा पाने के लिए जातक को प्रतिदिन अपनी हथेलियों का दर्शन करना उचित माना जाता है। साथ ही घर में ईशान कोण को हमेशा स्वच्छ रखने का प्रयत्न करें। यदि जातक की हथेली में चंद्र और गुरु का योग है और यदि यह मीन या धनु राशि में है, तो ऐसे जातक अधिक बली होते हैं। उन्हें कई क्षेत्रों के विषय में जानकारी होती है, जिसका लाभ उन्हें कैरियर व समाज में मिलता है। यही योग कर्क राशि में होने पर जातक अत्यधिक 5 अंशों में बली होते हैं।

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