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Use Flute to Remove Vaastu Dosh


अगर संगीत का कोई वाद्य यंत्र वास्तु दोष को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, तो यह किसी भी घर के लिए खुशी की बात होगी। ऐसा ही एक वाद्य है बांसुरी। यह श्री कृष्ण का प्रिय वाद्य यंत्र रही है। इसे शांति और शुभता का भी प्रतीक माना जाता है साथ ही यह प्राण वायु प्रदान करने मे मददगार साबित हो सकती हैं। इसलिए इसे वास्तु दोष निवारक भी कहा गया है। भवन में जहां कहीं भी दोष हो, वहां बांसुरी का उपयोग दोष दूर कर देता है। पर यहां ध्यान देना जरूरी है कि बांसुरी कभी भी सीधी नहीं लगानी चाहिए, बल्कि इसे हमेशा तिरछा लगाने से लाभ मिलता है। साथ ही बांसुरी का मुंह हमेशा नीचे रहना चाहिए। बांसुरी के कुछ लाभदायक प्रयोग भी हैं।
  • अगर दांपत्य जीवन में तनाव या कलहपूर्ण वातावरण रहता हो, तो सिरहाने बांसुरी लेकर सोने से लाभ होता है।
  • इसी प्रकार यदि घर में कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता हो, तो उसके कमरे के द्वार पर व उसके सिरहाने बांसुरी का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
  • यदि आपको व्यापार व नौकरी में लगातार असफलता मिल रही हो या मेहनत के अनुसार फल न मिल रहा हो, तो अपने कमरे के द्वार पर दो बांसुरी लगाएं।
  • यदि घर में धन की आवक रुक गई हो या खर्च बढ़ गया हो, तो एक बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित कर विधिवत पूजन करके उस बांसुरी को किसी शुभ दिन लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखें। आपकी समस्या का हल हो जाएगा।
  • यदि घर में आकस्मिक परेशानियां आ रही हों, तो ड्रा्रइंग रूम में क्रॉस के आकार में दो बांसुरियां लगाएं। परेशानी दूर हो जाएगी।
  • जिस घर में नित्य कुछ देर बांसुरी की ध्वनि गूंजती है, वहां सुख-शांति आती है और अशुभ शक्तियां घर से दूर हो जाती हैं।
  • यदि बेड या डाइनिंग टेबल के ठीक ऊपर बीम हो, तो रिश्तों में अलगाव आता है। इसलिए ऐसे बीम के दोनों तरफ के कोने वाले हिस्सों पर लाल धागे या रिबन से बांधकर दो बांसुरी लगानी चाहिए।

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