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राशि के अनुसार कैसा रहेगा, शनिदेव का घर बदलना


नवंबर का माह बहुत खास है। एक तो इस माह में 11.11.11 का दुर्लभ संयोग आया है, वहीं दूसरी ओर इसी माह की 15 तारीख को शनिदेव अपनी राशि बदल रहे हैं। इस बार शनिदेव अपनी उच्च राशि तुला में प्रवेश करेंगे। इससे पहले वह कन्या राशि में विराजमान थे। ऐसे में कई जातकों को इनकी कृपा मिलेगी, तो कुछ जातकों को अपने कर्मों का फल भी मिलेगा। आप यह मत सोचना की शनि क्या कर लेगा? क्योकि शनि ही इस समय राजा को रंक और रंक को राजा बनाता हैं। अत: बुरा कर्म करने वाले सावधान! तीना चीज कभी अंडर एस्टीमेट मत करना। "पिंगलाय, 
कृष्णाय, 
शनैश्चर" 


मेष- तुला राशि में बैठे शनि की पूर्ण दृष्टि मेष राशि पर रहेगी। इसलिए इस राशि वाले जातकों का कार्य धीमी गति से चलेगा। पर परिस्थिति में सुधार होगा। अगर मेष का स्वामी मंगल कमजोर है, तो उसे बलवान करने का उपाय करें।

वृष - यह राशि शनि से अष्टम और वृषभ से शनि छठे स्थान पर होने के कारण, तुला का शनि, वृषभ राशि वालों को शुभ फल नहीं देगा। तुला का शनि, वृषभ राशि वालों को गृह क्लेश, मानसिक अस्थिरता प्रदान करेगा।

मिथुन - इस राशि से शनि पंचम और शनि से मिथुन राशि नवम होगी। अत: मिथुन राशि वालों को शनि शुभ फल प्रदान करेगा। विपरीत परिस्थितियों में सुधार होगा। अटके हुए कार्य पूर्ण होंगे। मन प्रसन्न व उत्साहित रहेगा।

कर्क - कर्क राशि से शनि चतुर्थ होगा और शनि से कर्क राशि दशम होगी। इसलिए शुभ फलों की प्राप्ति प्रचुर मात्रा में इस राशि के जातकों को मिलेगी। बेरोजगारों को आजीविका मिलेगी। वैवाहिक जीवन सफलतापूर्वक चलेगा।

सिंह - शनि की तुला राशि में आने पर सिंह के जातकों को लाभ ही होगा। 16 नवंबर तक इस राशि वालों को कष्ट है। इसके बाद अचानक धन लाभ, प्रतियोगिता आदि में सफलता, कार्य पूर्ण होने के योग हैं।

कन्या - दैवीय कृपा की प्राप्ति तुला का शनि देगा। व्यापार अथवा नौकरी के लिए किए गए सफल होंगे। सुख-शांति की अनुभूति होगी।

तुला - यह परिवर्तन तुला राशि वालों के लिए निराशाजनक स्थिति लेकर आएगा। रोगों से सावधान रहें, रक्तचाप, पेट संबंधी समस्याएं आदि से परेशानी होगी। व्यापार या नौकरी में गतिरोध उत्पन्न होगा।

वृश्चिक - इस राशि के जातकों को तुला का शनि मालामाल कर देगा। व्यापार बढ़ेगा, नवीन वाहन आदि लेने का योग है। शत्रुओं को परास्त करने में सफलता मिलेगी। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।

धनु - तुला का शनि धनु राशि वालों के लिए भी लाभदायक रहेगा। रुके या अटके कार्य पूरे होंगे। भूमि या संतान लाभ होगा। कोई प्रिय वस्तु दूर हो सकती है।

मकर - तुला का शनि मकर राशि वालों को शुभ फल नहीं देगा। धन या वस्तु, भूमि आदि की हानि हो सकती है। खर्च बढ़ेंगे। चोट-चपेट से सावधान रहें।

कुंभ - इस राशि वालों को भी तुला का शनि शुभ फल नहीं देगा। खान-पान में व्यवधान, धन हानि, शत्रुओं से कष्ट आदि की आशंका है।

मीन - तुला में शनि के आने के बाद मीन राशि के जातक शांति महसूस करेंगे। रोगों से छुटकारा मिलेगा, धन लाभ होगा और धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। यश मिलेगा।

शनिवार के दिन नारियल तेल में कपूर मिलाकर अपने शरीर पर मालिश करें। मालिश 21 या 51 शनिवार तक करें। 21 शनिवार तक साबुत काले उड़द सूर्यास्त के समय शनि मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:" बोलकर नदी में प्रवाहित करें।

महर्षि पिप्लाद ने इनकी संतुष्टि के लिए दस नामों की रचना की है। इन नामों का उच्चारण प्रतिदिन प्रातः काल स्नान करके करने से शनि की प्रतिकूलता, उनकी साढ़े साती, उनकी ढैया में किसी प्रकार का कष्ट नहीं होकर उनकी कृपा होती है। 

नमस्ते कोण संस्थाय पिंगलाय नमोऽस्तुते। 

नमस्ते बभ्रुरुपाय कृष्णाय नमोऽस्तुते॥ 

नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकायच। 
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो॥ 

नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोऽस्तुते। 
प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च॥

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